जन्म दिवस पर शुरू की अनुकरणीय परम्परा,श्री रामचरितमानस ग्रंथ बांटकर मनाया जन्म दिवस
बुरहानपुर- एक तरफ लोग आधुनिकता के इस दौर में जन्म दिवस पर होटलों में पार्टियों कर फिजूल खर्ची कर हजारों रूपये पानी में यूँ ही बहा देते हैं वही कुछ लोग आज भी अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को अक्षुण्ण रखते हुए भारतीय परंपरा को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं। बुरहानपुर जिले की एकदंत विद्या मंदिर के संचालक श्री प्रमोद गावंडे ने अपना जन्म दिवस बहुत ही सादगी पूर्ण मनाते हुए शिक्षकों में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। आपने जन्म दिवस पर सभी शिक्षकों को श्री रामचरितमानस ग्रंथ बांटकर शाला में एक परम्परा की शुरुआत की है। पिछले वर्ष भी इन्होने जन्मोत्सव पर श्रीमद्भगवद्गीता सभी शिक्षकों को भेंट स्वरूप दी थी। वे लोगों से भी आव्हान करते हैं कि जन्म दिवस पर या घर में अन्य मांगलिक कार्यों के अवसरों पर रिश्तेदारों को अपने धार्मिक ग्रंथों को आपस बांटे जाये ताकि सभी लोग, आजकल के बच्चे धर्म और संस्कृति के बारे में विस्तार से जाने और वे उसका अनुसरण करें।